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Friday 15 December 2017

अब सोचने लगा ! ! ! ! ! ! ! !



अब सोचने लगा हे ये दिल मेरा 

कैसे कटेगा तन्हा दिन मेरा 

साथ ही गुजरती थी उसके हर शाम मेरी 

शुरू होता था उससे ही दिन मेरा 

क्यों जा रहा दूर मुझसे हमदम  मेरा 

कैसे बहलेगा उसके बिना अब ये दिल मेरा 

अब सोचने लगा हे ये दिल मेरा 

कैसे कटेगा तन्हा दिन मेरा 

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