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Saturday 2 September 2017

काश तुम समझ पाती ! ! ! ! ! ! !

काश तुम समझ पाती ! ! ! ! ! ! !



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काश तुम समझ पाती कि ..........

किस हद तक हो मेरे खयालों में.

मेरे जीवन के तरानों में ,

कितनी शिद्दत से रमी हो तुम ,

मेरे जीवन के मायनों मैं |

काश तुम समझ पाती कि ..........

तो फलसफा जिंदगी का मेरा

यूं अधूरा नहीं होता,

क्या करू ! वहम कहती हो 

तुम जिसे जीने का मेरे,


मुझसे वो एक तरफा प्यार

 तुम्हारा दूर ही नहीं होता |

***!!!***


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