काश तुम समझ पाती ! ! ! ! ! ! !
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काश तुम समझ पाती कि ..........
किस हद तक हो मेरे खयालों में.
मेरे जीवन के तरानों में ,
कितनी शिद्दत से रमी हो तुम ,
मेरे जीवन के मायनों मैं |
काश तुम समझ पाती कि ..........
तो फलसफा जिंदगी का मेरा
यूं अधूरा नहीं होता,
क्या करू ! वहम कहती हो
तुम जिसे जीने का मेरे,
मुझसे वो एक तरफा प्यार
तुम्हारा दूर ही नहीं
होता |
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