अनजानी सी मुलाकात ! ! ! ! ! ! !...................
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सोचा न था वो अनजानी सी पहली मुलाकात यूँ यादगार
होगी,
खुशियों से भरे एक दौर के बाद आंसुओ की बरसात
होगी |
सोचा था खो दूंगा खुद को पर प् ही लूँगा में उसे,
दिन ढले किसी शाम अपना बना लूँगा मैं उसे |
उसकी बेबसी पर यूँ एतवार न हुआ
वो कहती रही में सुनता रहा,
आँखों में आंसू लिये कि
कि उसे मुझसे कभी प्यार न हुआ |
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