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Monday 25 September 2017

अनजानी सी मुलाकात ! ! ! ! ! !

अनजानी सी मुलाकात ! ! ! ! ! ! !...................



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सोचा न था वो अनजानी सी पहली मुलाकात यूँ यादगार होगी,

खुशियों से भरे एक दौर के बाद आंसुओ की बरसात होगी |

सोचा था खो दूंगा खुद को पर प् ही लूँगा में उसे,

दिन ढले किसी शाम अपना बना लूँगा मैं उसे |

उसकी बेबसी पर यूँ एतवार न हुआ

वो कहती रही में सुनता रहा,

आँखों में आंसू लिये कि


कि उसे मुझसे कभी प्यार न हुआ |

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